![Sultan](https://files.aimusic.one/image/99c1e373-7b8d-4f99-ad2e-84c07217ca2e.jpeg)
Sultan
Songtekst
Sultan
आधार तेरा है संस्कृति (Verse 1) इंसान है तू आज अभी, कल पशु बना रह जाएगा। आधार तेरा है संस्कृति, तू मूल सहित ढह जाएगा। (Chorus) आधार तेरा है संस्कृति, तू मूल सहित ढह जाएगा। (Verse 2) मोर्डरन बनने के चक्कर में, क्या नया तू पायेगा? मूर्खो की इस दौड़ में, महा मूर्ख बना रह जाएगा। आधार तेरा है संस्कृति, तू मूल सहित ढह जाएगा। (Chorus) आधार तेरा है संस्कृति, तू मूल सहित ढह जाएगा. (Verse 3) शास्त्र, संस्कृति, सभ्यता, संस्कार ही पहचान है। इन्हें छोड़कर किस मार्ग को, फिर तू अपनाएगा? आधार तेरा है संस्कृति, तू मूल सहित ढह जाएगा। (Chorus) आधार तेरा है संस्कृति, तू मूल सहित ढह जाएगा. (Verse 4) आधुनिकता की होड़ में, स्कॉलर तो बन जायेगा। संशोधन के आधार में, विज्ञान कहा से लाएगा? आधार तेरा है संस्कृति, तू मूल सहित ढह जाएगा। (Chorus) आधार तेरा है संस्कृति, तू मूल सहित ढह जाएगा. (Verse 5) सनातनो की भूमि पर, कैसा ये अज्ञान बह रहा? संतो के उस ज्ञान का, तू विनाश भी करवाएगा? आधार तेरा है संस्कृति, तू मूल सहित ढह जाएगा। (Chorus) आधार तेरा है संस्कृति, तू मूल सहित ढह जाएगा. (Verse 6) तथ्यों को नकार रहा तू, सत्य किसे कहे पायेगा? विशाल प्रवाहित अज्ञान में, पत्ते सा बहे जाएगा। आधार तेरा है संस्कृति, तू मूल सहित ढह जाएगा। (Chorus) आधार तेरा है संस्कृति, तू मूल सहित ढह जाएगा. (Verse 7) नैतिकता का मूल्य भी, संस्कृति से है जुड़ा हुआ