
Ho Aye Tere Bhawan
가사
Ho Aye Tere Bhawan
आये तेरे भवन, देदे अपनी शरण, रहे तुझ में मगन, थाम के यह चरण । तन मन में भक्ति ज्योति तेरी, हे माता जलती रहे ॥ उत्सव मनाये, नाचे गाये, चलो मैया के दर जाएँ । चारो दिशाए चार खम्बे बनी हैं, मंडप में आत्मा की चारद तानी है । सूरज भी किरणों की माला ले आया, कुदरत ने धरती का आँगन सजाया । करके तेरे दर्शन, झूमे धरती पवन, सन नन नन गाये पवन, सभी तुझ में मगन, तन मन में भक्ति ज्योति तेरी, हे माता जलती रहे ॥ फूलों ने रंगों से रंगोली सजाई, सारी धरती यह महकायी । चरणों में बहती है गंगा की धरा, आरती का दीपक लगे हर एक सितारा । पुरवैया देखो चवर कैसे झुलाए, ऋतुएँ भी माता का झुला झुलायें । पा के भक्ति का धन, हुआ पावन यह मन, कर के तेरा सुमिरन, खुले अंतर नयन, तन मन में भक्ति ज्योति तेरी, हे माता जलती रहे ॥
